एक चुड़ैल और पांच भाई

 

 जंगल के किनारे एक छोटा सा गांव था। उस गांव में लोगों की संख्या काफी कम थी, क्योंकि बगल के जंगल में 
एक चुड़ैल  रहती थी, जो उस गांव के बहुत सारे लोगों को अपना शिकार बना चुकी थी। वह चुड़ैल खासकर गांव
 के जवान लोगों को  अपना शिकार बनाती थी। 
इसी गांव में, पांच भाई रहने के लिए आते हैं। वे बहुत बहादुर थे। गांव में आने के बाद उन्हें पता चला कि  जंगल में
 कोई चुड़ैल है जो गांव के बहुत सारे लोगों को अपना शिकार बना चुकी है इस पर बड़े भाई बाकी भाइयों से  पूछा
 कि हमें इस गांव में रहना है या हम किसी और गांव की तलाश करें इस पर बाकी भाइयों ने कहा - "हमें यहां  रुक
 कर यहां के लोगों की मदद करनी चाहिए यदि वह चुड़ैल आती है तो हम उसका मुकाबला करेंगे "।
 कुछ दिनों के बाद चुड़ैल को पता चला कि गांव में पांच भाई रहने के लिए आए हैं तो वह यह जानकर बहुत  खुश
 हो गई और उन्हें अपना शिकार बनाने के बारे में सोचने लगी। एक दिन सभी भाई जंगल के किनारे खेत में काम
 कर रहे थे तभी वह चुड़ैल वहां आ गई, और उन भाइयों से कहने लगी- "तुम लोगों ने यहां आकर बहुत अच्छा
 किया,अब मैं तुम लोगों को भी अपना शिकार बनाऊंगी"। इस पर पांचों भाई उस चुड़ैल से डरे नहीं और चुड़ैलों से 
कहा -" हम तुम से नहीं डरते, हम तुम्हारा मुकाबला करेंगे", और पांचों भाई चुड़ैल पर टूट पड़े, चुड़ैल पांचों  भाइयों 
का साहस देख डर गई और खुद को हारता हुआ देख वहां से भाग खड़ी हुई। पांचों भाइयों का साहस देख 
गांव वाले बहुत खुश हुए।
 
         इधर चुड़ैल अपनी हार बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी उसे अब यह पता चल गया था कि वह पांचो भाइयों को 
साथ में नहीं हरा सकती। इसलिए उसने, उन्हें एक -एक कर अपने यहां कैद करके एक साथ पांचों को मार डालने 
का प्रण लेती है। और इसके लिए उसने एक योजना बनाई।
 दूसरे दिन चुड़ैल अपना रूप बदलकर एक सुंदर लड़की का रूप धारण कर लेती है। फिर वह उन पांचों भाइयों 
के पास जाती है, पांचों भाई उसे देखकर पहचान नहीं पाते हैं और उस पर मोहित हो जाते हैं। सबसे बड़े भाई ने 
उससे पूछा- "तुम कौन हो, और यहां अकेली क्या कर रही हो" । इस पर उस लड़की(चुड़ैल)  ने कहा - "मैं अकेली
 हूं मेरे माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं है इसलिए अब मैं अपने लिए एक अच्छा  वर ढूंढ रही हूं जिससे मैं  शादी
 कर सकूं।" इस पर बड़े भाई ने अपने बाकी भाइयों से अपनी इच्छा उस  लड़की से शादी करने की जाहिर की और
 बाकी भाइयों ने भी इसकी इजाजत दे दी। फिर बड़े भाई ने उस लड़की (चुड़ैल) से पूछा-"क्या तुम मुझसे शादी 
करोगी"। तो लड़की(चुड़ैल) ने "हां" कहते हुए अपनी एक शर्त रखी कि वो शादी से पहले अपने होने वाले पति के 
साथ अपने माता-पिता की कब्र के पास जाना चाहती है, इस पर सभी भाई मान गए। दूसरे दिन अपने भाइयों से 
विदा लेकर बड़े भाई उस लड़की(चुड़ैल)  के साथ चल पड़े। चलते-चलते जंगल को पार कर लड़की बड़े भाई को
 अपनी गुफा के पास ले आई और  फिर अपने असली रूप में आकर बड़े भाई को कैद कर ली। बड़ा भाई अकेला
 होने के कारण उस चुड़ैल का सामना नहीं कर सका। दूसरे दिन फिर वह चुड़ैल अपना वही रूप धारण कर फिर 
से उन भाइयों के पास  जाती है और चौथे भाई से कहती है कि आपके बड़े भाई ने आपको मेरे साथ आने को कहा 
है और फिर उसे भी अपने साथ लेकर उसी गुफा के पास जाती है फिर उसे भी अपना कैदी बना लेती है। ऐसे ही 
तीसरे भाई को  भी वैसे ही लेकर अपना कैदी बना लेती है। सबसे छोटा भाई, जो चालक था उससे यह सब देख
 कर  संदेह हुआ  कि आखिर सारे बड़े भाइयों को एक-एक कर, कहां ले जा रही है और वे  वापस भी नहीं आ 
रहे हैं तभी  उसने सोचा कि अगर इस बार फिर से वह लड़की(चुड़ैल) उसके चौथे भाई को लेने आती है तो वह 
उसका पीछा करेगा।  फिर अगले ही दिन जैसा उस छोटे भाई ने सोचा था वह लड़की(चुड़ैल)फिर से आ गई और
 उसके चौथे 
भाई को भी अपने साथ ले जाने लगी तो वह चुपके से उनके पीछे हो लिया और फिर उसने देखा कि उसके भाई को
 जंगलों  के पार एक गुफा के पास ले गई और अपने असली रूप में आकर उसके भाई को अपना कैदी बना ली। 
छोटा भाई यह सब छुप कर देख ही रहा था कि तभी चुड़ैल को उसके वहां होने का एहसास हो गया और वह चुड़ैल 
उसे यहां-वहां ढूंढने लगी यह देखकर छोटा भाई वहां से भागने लगा, तभी चुड़ैल ने भी उसे देख लिया और उसका 
पीछा  करने लगी। छोटा भाई भागते हुए एक बड़े तालाब के पास पहुंचा और एक पेड़ के ऊपर चढ़कर डालियों के 
पीछे  छिप गया, चुड़ैल भी वहां आ गई और उससे ढूंढने लगी। फिर अचानक छोटे भाई का पैर फिसला और वह 
तालाब  में गिर गया वहां एक बड़ी सुनहरी मछली आई और उससे निगल गई। यह देखकर चुड़ैल उस तालाब के
 किनारे-किनारे घूमने लगी कि कभी वह मछली किनारे आए तो वह उसे पकड़ ले पर ऐसा नहीं हुआ। अब चुड़ैल
 छोटे भाई को पकड़े बिना बाकी भाइयों को मारना नहीं चाह रही थी क्योंकि अगर वो ऐसा करती तो उसका प्रण 
अधूरा रह जाता और वह ऐसा नहीं चाहती थी। इसलिए छोटे भाई को किसी भी हालत में पकड़ने का उपाय ढूंढने
 लगी। तभी वहां एक राजकुमार शिकार करता हुआ आ पहुंचा, उसे देख कर चुड़ैल की मन में एक उपाय सूझा। 
और वह फिर से सुंदर लड़की का रूप धारण कर उस तालाब से कुछ दूर एक पेड़ के पास बैठ गई। तभी 
राजकुमार की नजर उस पर पड़ी और वह उसे देख कर उसकी खूबसूरती पर मोहित हो गया और उसके पास 
जाकर उससे कहा-"तुम कौन हो और यहां क्या कर रही हो, तुम्हारे घर वाले कहां है ?" तो उस लड़की 
(चुड़ैल) ने जैसा और भाइयों से कहा था वैसा ही राजकुमार से भी कहने लगी कि -"मेरा कोई नहीं है मैं 
अकेली हूं और शादी के लिए वर ढूंढ रही हूं, क्या आप मुझसे शादी करेंगे।" राजकुमार यह सुनकर बहुत खुश 
हुआ क्योंकि वह पहले ही उस पर मोहित हो चुका था। पर फिर उस लड़की (चुड़ैल) ने राजकुमार से अपनी 
और एक इच्छा जाहिर की "मैं शादी से पहले इस तलाब के बड़े सुनहरी मछली को खाना चाहती हूं यह सुन 
 राजकुमार उसकी बात मान गया। राजकुमार ने उसी पल अपने सैनिकों को उस तालाब के बड़े मछली को 
पकड़ने का आदेश दिया और वह उस लड़की (चुड़ैल)को लेकर महल चला गया।
            इधर सैनिकों को मछली पकड़ते पकड़ते शाम हो गई, फिर भी वे उस बड़ी मछली को
 नहीं पकड़ सके, फिर वे भी महल की ओर चल पड़े ताकि दूसरे दिन फिर से उस तालाब के पास आकर 
दोबारा उस मछली को पकड़े सके। दूसरे दिन सुबह सैनिकों के आने से पहले एक मछुआरा उस तालाब के 
पास मछली पकड़ने गया और जाल डाल कर मछली पकड़ने लगा, कुछ देर बाद वही बड़ी सुनहरी मछली 
उसके जाल में फस गई। वह मछुआरा उसे लेकर अपने घर चला गया। इधर सैनिक जब उस तालाब के 
पास आए और फिर तालाब के सारी बड़ी मछलियों को पकड़ लिया और फिर उसे लेकर उस लड़की(चुड़ैल)
 को दिखाया, लड़की(चुड़ैल) ने सारी मछलियों को देखकर कहा कि इनमें से वो मछली कोई भी नहीं है, 
जिससे मैंने उस तालाब में देखा था। सैनिक ने फिर से उस तालाब जा कर उस बड़ी मछली को ढूंढने लगे।
        इधर वह मछुआरा अपने घर पर उस मछली को काटने लगा तभी मछली के अंदर से आवाज आई 
की मछली को धीरे-धीरे काटे, मछुआरा यह आवाज सुनकर मछली को धीरे-धीरे काटने लगा, फिर अंदर से 
वह छोटा भाई बाहर आया और उसने मछुआरे को अपनी सारी बात बता दी, तभी मछुआरे ने उसको बताया 
कि उस तालाब की सारी बड़ी मछलियों को सैनिक आकर पकड़ रहे हैं तो फिर वह छोटा भाई समझ गया कि
 वह चुड़ैल अपना भेष बदल कर महल चली गई है और वही उसे ढूंढने के लिए सैनिकों को ऐसा करने को
 कहा है। अब वह छोटा भाई मछुआरे को धन्यवाद देखकर उससे विदा लेता है और महल की ओर चल पड़ता
 है। वह महल पहुंचकर राजा से मिलने गया। उसने राजा से मिलकर अपनी सारी बात बता दी, पर राजा को
 उसकी बातों विश्वास न हुआ। तभी उसे एक बात याद आई कि जब वह तालाब के किनारे उस पेड़ पर छुपा
 था तभी उसने देखा कि  वह चुड़ैल तालाब के किनारे लड़की के रूप में थी पर पानी में वह अपने असली 
चुड़ैल रूप में दिखाई दे रही थी। यह बात याद कर उस छोटे भाई ने राजा से कहा - "आप उस लड़की(चुड़ैल)
 को पानी के पास ले जा कर, उसका चेहरा पानी में देखें तो आपको मेरी बातों पर विश्वास हो जायेगा और यदि
 मेरी बात झूठी निकलती है तो आप मुझे जो सजा देना चाहे मुझे मंजूर होगा"। राजा यह सुनकर उसकी बात 
मान गया और फिर उस लड़की (चुड़ैल) को पानी के पास ले जाने का आदेश दिया। लड़की (चुड़ैल) यह बात
 जानकर पानी के पास ना जाने का बहाना करने लगी, पर राजा उसे जबरदस्ती पानी के पास ले आया तभी
 राजा ने उस चुड़ैल का असली रूप देख लिया, जैसा उस छोटे भाई ने बताया था और फिर राजा ने उस चुड़ैल
 को मार डालने का आदेश दिया। इस तरह उस चुड़ैल का अंत हो गया। राजा ने उस छोटे भाई के बाकी 
भाइयों को उस चुड़ैल के गुफा से छुड़ाकर लाने का आदेश अपने सैनिकों को दिया। उन भाइयों के आने के
 बाद राजा ने उस छोटे भाई को इनाम दिया और उसका धन्यवाद किया। इसके बाद पांचों भाई राजा से विदा
 लेकर अपने उस छोटे से गांव चल दिए। वहां गांव वालों ने भी उनका स्वागत किया और साथ ही छोटे भाई 
का धन्यवाद किया। अब गांव के सारे लोग उस चुड़ैल के भय से मुक्त हो चुके थे। इस तरह अब पांचों भाई 
और बाकी गांव वाले अच्छे से रहने लगे।
 
(लेखक : रंजीत केरकेट्टा ) 

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